परमाल रासो वाक्य
उच्चारण: [ permaal raaso ]
उदाहरण वाक्य
- 10. परमाल रासो (आल्हा का मूल रूप)
- परमाल रासो आदिकालीन हिंदी साहित्य का प्रसिद्ध वीरगाथात्मक रासोकाव्य है।
- जगनिक आल्हाखंड तथा परमाल रासो प्रौढ़ भाषा की रचनाएं हैं.
- परमाल रासो-इस ग्रन्थ की मूल प्रति कहीं नहीं मिलती।
- जगनिक इन्हीं के दरबारी कवि थे जिन्होंने परमाल रासो की रचना की थी।
- 4 ' आल्हा ' को जगनिक कृत परमाल रासो का एक हिस्सा माना जाता है ।
- इनके दो ग्रन्थ ” आल्हाखण्ड तथा परमाल रासो ' लोक भाषा के प्रथम मौखिक काव्य माने जाते हैं।
- परमाल रासो में राजा परमाल के यश और वीरता का वर्णन वीरगाथात्मक रासो काव्य शैली में किया गया है।
- परमाल रासो पृथ्वीराज रासो की तरह अर्ध प्रामाणिक रचना है तथा इस ग्रंथ का मूल रूप प्राप्य नहीं है।
- जगनिक कवि द्वारा रचित परमाल रासो की नायिका जिसका वर्णन उपलब्ध आल्ह खंड के कई युद्धों में मिलता है।
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